प्रदेश में खनिज परिवहन हेतु विभाग में पंजीकृत वाहनों के लिए कलरकोडिंग की व्यवस्था।
प्रदेश में उपखनिजों के खनन/परिवहन में प्रयुक्त पंजीकृत वाहनों की पहचान को सुगम एवं प्रभावी बनाने के उद्देश्य से, खनिज विभाग द्वारा एक विशेष रंग योजना (colour scheme) एवं मानकीकृत पैटर्न(standardized pattern) अपनाए जाने का प्रावधान किया गया है। तेल कंपनियों (उदा. इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड, हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड आदि) अथवा दुग्ध टैंकरों पर एकरूपता (uniformity) एवं विशिष्ट पहचान सुनिश्चित करने हेतु निर्धारित रंग एवं डिज़ाइन का उपयोग किया जाता है, उसी प्रकार खनिज परिवहन हेतु पंजीकृत वाहनों पर भी विभाग द्वारा निर्दिष्ट विशेष रंग एवं पैटर्न में पेंटिंग अनिवार्य की गई है।

- आसानी से पहचान (Easy Identification): खनिज परिवहन में संलग्न वाहनों को आम यातायात से अलग स्पष्ट रूप से चिन्हित किया जा सके।
- प्रवर्तन सुविधा (Enforcement Support): औचक निरीक्षण अथवा चेकिंग के दौरान प्रवर्तन -अधिकारियों को वाहनों की त्वरित और सुगम पहचान में सहायता मिल सके।
- अवैध परिवहन की रोकथाम (Prevention of Illegal Transportation): कलर कोडिंग से अनधिकृत या बिना अनुमति वाले वाहनों को आसानी से चिह्नित किया जा सकेगा।
- पारदर्शिता एवं उत्तरदायित्व (Transparency & Accountability): खनिज परिवहन व्यवस्था में सुशासन एवं पारदर्शिता को बढ़ावा मिलेगा।