वाहन पंजीकरण
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

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  • अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1.  DGM पोर्टल पर कौन से वाहन पंजीकृत हो सकते हैं?

प्रदेश में खनन/खनन परिवहन संबंधी कार्यों में उपयोग होने वाले वाहन ही पंजीकरण के लिए पात्र हैं। गैर-खनन वाहनों का पंजीकरण नहीं होगा।

2.  क्या अन्य समीपवर्ती राज्यों से उत्तर प्रदेश में आने वाले उपखानिज परिवहन में प्रयुक्त वाहनों (Inter-State Transportation) का पंजीकरण कराना होगा?

हाँ, उन समस्त वाहनों का पंजीकरण, DGM पोर्टल पर कराना अनिवार्य है जो भी वाहन प्रदेश में खनन परिवहन संबंधी कार्यों में उपयोग होते हैं।

3.  पंजीकरण के लिए कौन-सी जानकारी देनी होगी?

वाहन मालिक का नाम, वाहन नंबर, इंजन नंबर, चेसिस नंबर, पता इत्यादि अन्य आवश्यक सूचना शुद्धता के साथ पंजीकरण फॉर्म पर सावधानी से भरनी होगी। गलत या अधूरी जानकारी देने पर पंजीकरण रद्द हो सकता है।

4.  आवेदन के लिए कौन-से दस्तावेज और फोटो चाहिए?

आवेदन के लिए आवेदक को निम्न दस्तावेज एवं फोटो की आवश्यकता है:-

  • Vehicle Front Photo – (Only jpeg, png, jpg, pdf) – Less than 1 MB
  • Vehicle Side Photo – (Only jpeg, png, jpg, pdf) – Less than 1 MB
  • Vehicle Back Photo – (Only jpeg, png, jpg, pdf) – Less than 1 MB
  • RC (Registration Certificate) – (Only jpeg, png, jpg, pdf) – Less than 1 MB
  • Permit Document – (Only jpeg, png, jpg, pdf) – Less than 1 MB

5.  गलत जानकारी या दस्तावेज देने का क्या परिणाम होगा?

असत्य, अधूरी या गलत जानकारी/दस्तावेज देने पर पंजीकरण निरस्त हो सकता है एवं भविष्य में रजिस्टर्ड वाहनों को मिलने वाली सुविधा से वंचित हो सकते हैं।

6.  वाहन सत्यापन की प्रक्रिया क्या है?

पंजीकरण के बाद वाहन का DGM या संबंधित प्राधिकरण द्वारा सत्यापन होगा। सत्यापन पूरा होने पर ही पंजीकरण मान्य होगा।

7.  मेरे डेटा की गोपनीयता का क्या?

आपका डेटा secure नेटवर्क के माध्यम से सर्वर को ट्रान्सफर होता है इसका उपयोग खनन/परिवहन से सम्बंधित नियमों के अनुपालन में होगा। यह गोपनीय रहेगा, एवं नियमों के उल्लंघन की जांच के समय अधिकृत अधिकारियों द्वारा किया जा सकता है।

8.  उपयोगकर्ता आईडी और पासवर्ड की जिम्मेदारी किसकी है?

यह OTP आधारित लॉग इन व्यवस्था है। आपके उपयोगकर्ता आईडी और पासवर्ड की सुरक्षा आपकी जिम्मेदारी है। अनधिकृत उपयोग के लिए DGM जिम्मेदार नहीं होगा।

9.  पोर्टल के दुरुपयोग का क्या परिणाम है?

पोर्टल का गलत इस्तेमाल (जैसे हैकिंग या अनधिकृत पहुँच) करना अपराध है। इसके खिलाफ सख्त (IT अधिनियम के अंतर्गत) कानूनी कार्रवाई होगी।

10.  नियमों में बदलाव का क्या नियम है?

DGM नियमों में कभी भी बदलाव कर सकता है। ट्रांसपोर्टरों को नवीनतम नियमों का पालन करना होगा।

11.  पंजीकरण से पहले क्या करना चाहिए?

  • नियम एवं पंजीकरण प्रक्रिया संबंधी यूजर मैन्युअल ध्यान से पढ़ें।
  • पंजीकरण प्रक्रिया में डाटा एंट्री करते समय डाटा की शुद्धता अवश्य जांच लें।
  • अधिक जानकारी या सहायता के लिए https://registration.vtsdgm.up.in/terms-and-conditions पर संपर्क करें।

12.  क्या वाहन पंजीकरण के लिए कोई शुल्क निर्धारित है?

नहीं। उपखानिजों के खनन/परिवहन में प्रयुक्त वाहनों के पंजीकरण की प्रक्रिया बिलकुल निःशुल्क है. विभाग द्वारा इसके लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाता है।

13.  वाहन पंजीकरण के माध्यम से किस प्रकार की समस्या का समाधान किया जाना है?

खनिज विभाग, उ०प्र० द्वारा जल्द ही खनिजों के वैध खनन/परिवहन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ट्रांसपोर्टर/वाहन मालिकों के लिए उपखानिज परिवहन में आने वाली निम्नलिखित व्यवहारिक समस्या को दूर करने की योजना है –

  • कतिपय संयोगिक मामलों में किसी व्यक्ति द्वारा दूसरे वाहन मालिक के वाहन के विवरण का उपयोग कर जालसाजी के द्वारा TP जेनेरेट किया जाना।
  • सटीक व्हीकल ब्रेक-डाउन संबंधी सूचना दर्ज न होने के कारण TP एक्सपायर होने के पश्चात विलम्ब से यात्रा पूरी करने के मामले में नियमानुसार शास्ति आरोपित करते समय यथोचित यात्रा व्यवधान का संज्ञान न लिया जाना।
  • कतिपय जालसाजों द्वारा माईन-टैग का दुरूपयोग कर अवैध परिवहन करना एवं वैध खनिज परिवहन में संलग्न वाहन मालिकों को हतोत्साहित करने के प्रयास करना।
  • कतिपय मामलों में वाहन मालिक को अँधेरे में रखते हुए उनके वाहन चालक द्वारा बिना TP के परिवहन करना एवं वाहन के अवैध परिवहन में निरुद्ध होने पर वाहन मालिक द्वारा पेनाल्टी भरने को मजबूर होना।
  • उपखानिजों के परिवहन संबंधी अन्य व्यवहारिक समस्याओं का समाधान।

14.  वाहन पंजीकरण के क्या लाभ हैं?

वाहन पंजीकरण के माध्यम से निम्नलिखित लाभ ट्रांसपोर्टरों को प्राप्त होंगे –

  • भ्रमवश/त्रुटिवश अनावश्यक होने वाले चालान में कमी आयेगी जिससे समय एवं धन के अपव्यय पर रोक लगेगी।
  • पंजीकृत वाहनों की जांच में न्यूनतम समय लगने से उपखनिजों की डिलीवरी व्यवस्था में सुधार होगा।
  • वाहन मालिकों को अपने वाहनों पर निर्गत परिवहन प्रपत्र की जानकारी एक क्लिक पर प्राप्त करने की सुविधा।
  • विभाग के साथ जुड़कर अपने व्यवसाय को आगे बढाने का अवसर।

उक्त व्यवस्था से उपखनिजों के वैध खनन/परिवहन को अधिकाधिक बढ़ावा देते हुए किफायती दरों पर आमजन को उपखानिज उपलब्ध कराने के उद्देश्य से विभाग द्वारा कई कदम उठाये जा रहे हैं, जिनका लाभ केवल विभाग में पंजीकृत वाहनों को मिलेगा।

अतः शीघ्रातिशीघ्र खनन/उपखानिज परिवहन में प्रयुक्त वाहनों का पंजीकरण कराएँ एवं विभागीय योजना का लाभ उठायें।

नोट:

उपरोक्त Frequently Asked Question (FAQ) ट्रांसपोर्टरों/वाहन मालिकों, जनपदीय अधिकारियों इत्यादि को वाहन पंजीकरण करते/कराते समय सहायता के सन्दर्भ में तैयार किए गए हैं। कृपया अवलोकन कर अनुमोदन प्रदान करें जिससे समबन्धित हितधारकों सहित हेल्पडेस्क टीम को आवश्यक ट्रेनिंग प्रदान की जा सके।

व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम हेल्प डेस्क में आपका स्वागत है – यहां आपको खनिज परिवहन से सम्बंधित समस्त समस्याओं के समाधान और सहायता हेतु संपर्क करे |

हेल्प डेस्क
+91-9511119551